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जिला बस्तर जगदलपुर के चित्रकूट मे चित्रकूट महोत्सव 24 एवं 25 फरवरी क़ो रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति के साथ मनाया गया AVएवं महोत्सव का समापन हुआ

जिला बस्तर जगदलपुर के चित्रकूट महोत्सव का aayआयोजन समापन हुआ

चित्रकूट महोत्सव का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज एवं समापन दिनांक 24 फरवरी से 25 फरवरी तक किया गया महोत्सव के इन दो दिनों में 24 एवं 25 फरवरी को रंगारंग कार्यक्रमो की प्रस्तुति की गई प्रतिवर्ष इसी तरह बस्तर महोत्सव के कार्यक्रमों की प्रस्तुतीकरण बस्तर की समृद्ध लोक संस्कृति को वेश्विक मंच पटल पर स्थापित करने का सार्थक प्रयास किया जा रहा है सांसद श्री महेश कश्यप ने कहा कि चित्रकूट महोत्सव केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं बल्कि बस्तर की समृद्ध लोक संस्कृति को वैश्विक मंच पर स्थापित करने का एक सशक्त माध्यम बन गया है यह आयोजन न केवल बस्तर की पहचान को नए आयाम दे रहा है बल्कि प्रदेश के कलाकारों सहित स्थानीय कलाकारों को भी अपनी कला को प्रस्तुत करने का बेहतर मंच प्रदान कर रहा है साथ यहां के युवाओं को खेलकूद और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में सहभागिता निभाने के लिए शुभ अवसर मिल रहे है बस्तर की सांस्कृतिक विरासत को संजोने और उसे विश्व पटल पर स्थापित करने की यह पहल निशनदेह एक प्रेरणादायक कदम है जो आने वाले वर्षों में और भी व्यापक स्वरूप लेगी उक्त बातें सांसद श्री महेश कश्यप ने सोमवार को विश्व प्रसिद्ध चित्रकूट जलप्रपात के तट पर 24 से 25 फरवरी 2025 तक आयोजित दो दिवसीय चित्रकूट महोत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा बस्तर को संवारने के लिए सरकार हर संभव पहल कर रही है और आगामी दिनों में समूचा बस्तर में अमन चैन एवं शांति स्थापित होगी और बस्तर के चहुंओंर विकास में हम सभी सहभागिता निभाएंगे
ज्ञात हो विश्व प्रसिद्ध चित्रकूट जलप्रपात के तट पर 24 से 25 फरवरी 2025 तक आयोजित चित्रकूट महोत्सव में न केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई बल्कि स्थानीय युवाओं द्वारा खेलकूद एवं रचनात्मक गतिविधियों में अपनी अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन किया गया साथ ही आम नागरिक और पर्यटक पैरामीटर राइट एवं नोकायन जैसी गतिविधियों में हिस्सा लेकर रोमांच का अनुभव किये
महोत्सव का उद्देश्य बस्तर के अनमोल सांस्कृतिक धरोहर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना था साथ ही पर्यटकों को बस्तर की खूबसूरती की ओर आकर्षित करना था चित्रकूट महोत्सव के दौरान लोक नृत्य पारंपरिक संगीत और लोक कलाओं का प्रदर्शन कर दर्शकों को बस्तर की सांस्कृतिक विविधता से परिचित कराया गया महोत्सव में प्रसिद्ध गायक अनुराग शर्मा ने अपनी सुरीली आवाज से समां बांध दिया इनके अलावा स्थानीय कलाकारों ने भी पारंपरिक वाद्य यंत्रों और लोकगीतों के माध्यम से बस्तर की सांस्कृतिक धड़कन को मंच पर उतारा वहीं स्कूली छात्र छात्राओं ने भी अपनी आकर्षक प्रस्तुति के जरिए दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया महोत्सव के दौरान बस्तरिया व्यंजन स्थानीय हस्तसील्प और पारंपरिक परिधान प्रदर्शित किए गए जिससे आगतुको को बस्तर की सांस्कृतिक विविधता और संस्कृति का अनुभव मिला
जनवर्ता 24 न्यूज़ से समीर सल्फी की रिपोर्ट

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